THE SMART TRICK OF HINDI KAHANIYAN THAT NO ONE IS DISCUSSING

The smart Trick of hindi kahaniyan That No One is Discussing

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hindi kahani

ने निर्धन वर्ग को अपनी कहानियों के केन्द्र में रखा, इनकी कहानियाँ

'कफन', पूस की रात, शतरंज के खिलाड़ी, दूध का दाम, ठाकुर का कुआँ, नशा, बड़े भाई साहब, सवा सेर गेहूँ, अलाग्योझा, नमक का दरोगा, पंचपरमेश्वर, ईदगाह, बूढ़ी काकी, ईदगाह आदि। इनमें

एक आदर्शवादी कहानी है जिसमें मनुष्य के अन्दर छिपे दैवत्व के गुणों को उजागार

यात्रा में साठ के बाद की कहानी में अनके आन्दोलन चलाये गए, जिनमें ‘सामन्तर कहानी', 'सचेतन कहानी', ‘अकहानी आदि

प्रमुख कहानियाँ हैं - चरणों की दासी, रोगी, परित्यक्ता, जारज, अनाश्रित, होली, धन का - अभिशाप, प्रतिव्रता या पिशाची, एकाकी, मैं,

खजूर के वृक्षों की छोटी-सी छाया उस कड़ाके की धूप में मानो सिकुड़ कर अपने-आपमें, या पेड़ के पैरों तले, छिपी जा रही है। अपनी उत्तप्त साँस से छटपटाते हुए वातावरण से दो-चार केना के फूलों की आभा एक तरलता, एक चिकनेपन का भ्रम उत्पन्न कर रही है, यद्यपि है सब अज्ञेय

छोड़ा हुआ रास्ता, पगोड़ा वृक्ष, पुरूष भाग्य' आदि कहानियाँ

शर्मा उग्र, विष्णु प्रभाकर, अमृतलाल नागर, आदि कहानीकार

पश्चात् हिन्दी कहानी का विकास और तीव्रता से हुआ। प्रेमचन्द और जयशंकर प्रसाद के

हैं। इन कहानियों के अतिरिक्त अज्ञेय जी ने स्वतन्त्रता आन्दोलन सम्बन्धी घटनाओं

कहानी लिखने का भी प्रयास किया। कहानी कला को केन्द्र में रखकर वर्तमान के समालोचक

संतुष्ट व्यक्ति के लिए उपहार : तेनालीराम

लड़ती भेंड़े और सियार : पंचतंत्र की कहानी 

धन से बढकर मेहनत ही सफलता की कुंजी है हिन्दी कहानी

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